हिन्दू धर्म की शुरुवात शिव से होती है, मगर ये शिव क्या है? अगर ये भगवान है जिसने हमको बनाया तो फिर शिव को किसने बनाया इसका जवाब हमको हमारे ग्रंथो में मिलता है। 

चलिए जानते है की महाकाल, महादेव, शम्भू, भोलेनाथ, महेश आदि नामो से पहचाने जाने वाले शिव कौन है, उनकी उत्पति कैसे हुई अथवा शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है।


कौन हैं महादेव? 

महादेव वो है जो नहीं है और जो नहीं है वो महादेव है। शिव अजन्मे है उनका न आदि है न अंत, वो विद्याओं के स्वामी है विश्व के नाथ, पंच महा-भूतो के नाथ "भूतनाथ" है। निरंकार है, निर्गुण है, दुःख है, सुख है, शून्य है, एकाये है, ज्ञान है, अज्ञान है, सब कुछ है और कुछ भी नहीं है। 

वो ही मृत्यु है और अमर भी व्ही है, महा-विशाल है और अणु भी व्ही है, पृथ्वी है आकाश है बंधन है और मुक्ति भी व्ही है। प्रकाश है अन्धकार है दुविधा है निर्णय है शांति है और सारी अशांति भी व्ही है। व्ही ब्रह्मा है व्ही विष्णु है और समस्त सृष्टि के स्वामी देवो के भी देव महादेव है।


Who is Mahadev?



शिवपुराण के अनुसार, शिव की उत्पत्ति कैसे हुई? 

जब इस ब्रह्माण्ड में कुछ नहीं था सृस्टि की रचना से पहले तब श्री हरी भगवान विष्णु प्रकट हुए। उनकी नाभि से कमल निकला जिसमे ब्रह्मा देव विराजमान थे। तब उनके मन में यह सोच उतपन्न हुई की हम कहा से आये है हमारा जन्म कैसे हुआ हम में से कौन पहले आया है। यह सोच बहस में बदल गयी ब्रह्मा जी बोले पहले मेरा जन्म हुआ है में श्रेस्ट हूँ। विष्णु जी बोले पहले मेरा जन्म हुआ है तुम मेरी नाभि से निकले हो  में श्रेस्ट हूँ। 

तभी अचानक उन दोनों के बीच में एक अग्नि से लिंग/एक बड़ा कला लम्बा पत्थर प्रकट हुआ। उसमे से आवाज़ आयी तुम दोनों में से कौन सर्वेश्रेस्ट है इसका चयन में करूंगा जो भी इस लिंग का अंत खोज लेगा वो सर्वश्रेस्ट कहलायेगा। दोनों ने शर्त स्वीकार कर ली ब्रह्मा जी उप्पेर की ओर अथवा विष्णु जी निचे की ओर अंत ढूढ़ने निकल पड़े। 

बहुत समय ढूढ़ने के बाद विष्णु जी समज गए की ये वो ज्ञान है जिसका न कोई अंत है न कोई आरम्भ। लेकिन जब ब्रह्मा जी उसका अंत नहीं ढूँढ पाए तो उनको एक युक्ति/उपाए सुझा वह एक कमल का फूल लेकर आये और बोले मेने इसका अंत ढूँढ लिया है ये कमल में व्ही से लाया हु। यह सुनते ही उस लिंग से आवाज़ आयी की आप झूट बोल रहे है। 

तब उस लिंग से शिव जी प्रकट हुए उन्होंने बताया की आप दोनों की उतपत्ति मुझसे हुई है। अपने आप को सर्वश्रेस्ट मानना आपकी गलती है आपको सब ज्ञान है यह बोलना आपकी भूल है क्युकी ज्ञान की कोई सीमा नहीं है और न ही अंत है। हमारा जन्म इस सृस्टि के उद्धार के लिए हुआ है अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए हुआ है। इसी के साथ उन्होंने ब्रह्मा जी की चालाकी के लिए उन्हें कभी न पूजे जाने का श्राप दिया जो की ब्रह्मा जी ने हाथ जोड़ कर स्वीकार किया। 


महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है? 

महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक महान पर्व है फाल्गुन कृष्णा चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है माना जाता है की सृष्टि का प्रांरभ इसी दिन हुआ। पौराणिक कथाओ के अनुशार इस दिन सृष्टि का आरम्भ महादेव के विशाल सवरूप अग्निलिंग के उदय से हुआ। अधिकतर लोग यह मानते है की इस दिन भगवान शिव का विवाह माता पारवती के साथ हुआ था।  

साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे जायदा महत्पूर्ण माना जाता है। कुछ लोगो का यह भी मानना है की इस दिन समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से भयंकर कालकूट या हलाहल विष निकला था।

इस संकट को देखते हुए सभी देव, ऋषि, मुनि आदि भगवान शिव के पास गये और रक्षा के लिए प्रर्थना करने लगे। उनकी इस विनती को स्वीकार करते हुए भगवान शिव ने अपनी योग शक्ति से उसे अपने कंठ में धारण कर लिया।


कैसे मनाएं महाशिवरात्रि? 

इस दिन भगवान शिव के भक्त सुबह उठकर स्नान करने के बाद शिव जी की आरती और भजन करते है।  बहुत सारे लोग शिव मंदिर में जाकर कैलाश नाथ जी का जल अभिषेक भी करते है। कई शिव भक्त गंगा स्नान के लिए भी जाते है। इस दिन आपको शिवलिंग का जल अभिषेक करना भी जरुरी होता है ऐसा करने से आपके सारे ग्रह समस्याओं से मुक्ति मिलती है।



अंतिम शब्द

हमारे लेख कौन हैं महादेव, पुराणों के अनुसार कैसे हुई शिव की उत्पत्ति? में लिखी सारी जानकारी विभिन्न माध्यमों एवं धर्मग्रंथों से संग्रहित कर आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, और महादेव के बारे में आपको जानकारी देना। ॐ नमः शिवाये।