नमस्कार दोस्तों,  इस लेख के माध्यम से हम आपको चार-धाम के बारे में और उनसे जुडी रोचक जानकारी के बारे में बताएंगे। ज्यादातर लोग उत्तराखंड के गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को चार धाम समझते है। इनको छोटा चार धाम कहा गया है। अगर आप भी चार-धाम के बारे में जानने में रूचि रखते है तो, निवेदन है की इस लेख को अंत तक पढ़े।


चार धाम क्या है? 

लाखों लोग अपनी आध्यात्मिक क्षुधा को पूरा करने के लिए हर साल चार धाम की यात्रा करते हैं। ये चार धाम भगवान नारायण को समर्पित 4 प्रमुख मंदिर है। जिनके बारे में पुराणों में भी बताया गया है। 

कहा जाता है की मनुष्य अगर अपने जीवन में इन चार धाम के दर्शन करता है तो उसके सारे पाप समाप्त हो जाते है और उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

तो चलिए जानते है इन चार धामों के बारे में - 


1. बद्रीनाथ मन्दिर

बद्रीनारायण मंदिर या बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले (उत्तर भारत) में स्थित है। इस मंदिर की पूजा रावल कहे जाने वाले यहाँ के मुख्य पुजारी करते है, जो दक्षिण भारत के केरल राज्य के नम्बूदरी ब्राह्मण होते हैं। 

बद्रीनाथ धाम के महत्वपूर्ण तथ्य 

  • बद्रीनाथ धाम भगवान का ध्यान/योग स्थान है। इसलिए यहाँ पर शंख नहीं बजाया जाता है क्योंकि शंख बजाना भगवान का आवाहन करना होता है। 
  • यहाँ पर प्रचुर मात्रा में जंगली बैरी पाई जाती है जिसको बद्री कहा जाता है। 
  • जब भगवान विष्णु अपने ध्यानयोग में लीन थे तब बहुत ज्यादा हिमपात होने लगा और भगवान बर्फ में ढकने लगे। यहा देख माता लक्ष्मी ने बद्री नामक बैर के वृक्ष का रूप लिया और भगवान की हिमपात, बारिश, धुप से रक्षा की। जब भगवान ने अपना तप पूरा किया तो उन्होंने माता लक्ष्मी को देखा और कहा की तुमने भी इस रूप में बराबर तप किया है, इसलिए भविष्य में इस जगह को बद्री के नाथ के रूप में जाना जाएगा। 
  • भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक नर और नारायण ऋषि को सम्बोधित यहाँ पर 2 पर्वत है जिनके बीच में बद्रीनाथ धाम मौजूद है। 

Char Dham of India


2. द्वारका मंदिर

द्वारकाधीश मंदिर गुजरात के द्वारका जिले में स्थित है। श्री कृष्णा द्वारा द्वारका नगरी को बसाया गया था। जो की सुमद्र में डूब गयी थी। भगवान कृष्ण के पोते वज्रभ ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। जहा ये मंदिर बना है वह मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का निवास स्थान था। 


द्वारका धाम के महत्वपूर्ण तथ्य 

  • चार धामों में से एक द्वारकाधीश मंदिर को जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 
  • इस मंदिर में अंदर जाने के 2 द्वार है। एक उत्तर दिशा में मोक्ष द्वार और दूसरा स्वर्ग द्वार जो दक्षिण दिशा की तरफ है। 
  • मंदिर में जो झंडा लहराता है उसको एक दिन में पांच बार बदला जाता है उसमे सूर्य और चंद्र बनाये हुए है। जो ये दर्शाते है की जब तक चंद्र और सूर्य की मौजूदगी रहेगी तब तक भगवान का वास रहेगा। 


3. जगन्नाथ मन्दिर

श्री जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी शहर में स्थित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ होता है जगत के नाथ यानी जगत के स्वामी। इस मन्दिर में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा तीनों मुख्य देवता स्थापित है। 


जगन्नाथ धाम के महत्वपूर्ण तथ्य 

  • इस मंदिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव प्रसिद्ध है। तीनो देवता अलग-अलग रथों में विराजमान होकर नगर की यात्रा को निकलते हैं।
  • समद्र तट के किनारे स्थित इस मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर समुद्र की लेहेरो की आवाज़ नहीं सुनाई देती है। पर जैसे ही आप एक कदम बहार जाते है आपको फिर से लेहरो की आवाज़ सुनाई देने लगती है। 
  • इस मंदिर के ऊपर लगा ध्वज हर रोज़ बदला जाता है। जो हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। 
  • मंदिर के ऊपर लगा सुदर्शन चक्र जिसको किसी भी दिशा से देखने पर चक्र का मूह देखने वाले की तरफ दिखाई देता है। 
  • जगन्नाथ मंदिर की शिखर की छाया हमेशा ही अदृश्य रहती है यहा जमीन पर नहीं पड़ती है। 


4. रामेश्वरम मंदिर 

रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले (दक्षिण-भारत) में स्थित है। मान्यता है की श्री राम द्वारा रावण का वध करने पर उनको ब्रह्म हत्या का दोष लग गया जिससे मुक्त होने के लिए उन्होंने शिवलिंग को अपने हाथो से बनाकर उसकी पूजा कर भगवान शिव प्रसन्न किया और दोष मुक्त हुए। यहाँ शिवलिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।


रामेश्वरम धाम के महत्वपूर्ण तथ्य 

  • रामेश्वर मंदिर परिसर के अंदर में कुओं को भगवान राम ने अपने अमोघ बाणों से तैयार किया था। 
  • रामेश्वरम मंदिर के अंदर 22 तीर्थ हैं, जो अपने आप में प्रसिद्ध हैं। सबसे मुख्य तीर्थ को अग्नि तीर्थं नाम से जाना जाता है।
  • रामनाथपुरम पहले भारत से जुड़ा हुआ था लेकिन समुद्र की लेहरो की वजह से यह टूट गया और द्वीप बन गया। 
  • इसी स्थान पर श्री राम ने समुद्र में पत्थर से सेतु बनवाया था जिसमे चढ़कर भगवान राम और उनकी सेना लंका पहुंची थी। 

अंतिम शब्द 

इस लेख में हमने आपको भगवान विष्णु को समर्पित भारत के चार-धाम के बारे में जानकारी प्रदान की है। अगर आप हमारे इस लेख से संभंधित कोई भी सवाल या सुझाव देना चाहते है तो हमको कमेंट करके जरूर बताए अथवा इस लेख को अपने मित्रो के साथ साझा करे धन्यवाद।