श्री गणेश-लक्ष्मी स्तोत्र भगवान गणेश को समर्पित है जो भी इसका जप करता है माता लक्ष्मी कभी भी उसके जीवन से नहीं जाती। यह वरदान खुद लक्ष्मी माता ने गणपति जी को प्रदान किया है। मान्यता है की इसका दीपावली के दिन 108 बार जप करने से यह स्तोत्र सिद्ध हो जाता है। 


Shree Ganesh Lakshmi Stotra


श्री गणेश-लक्ष्मी स्तोत्र || Shree Ganesh Lakshmi Stotra

ॐ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने 

दुष्टारिष्टाविनाशाय पराय परमात्मने 


लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोप शोभितं 

अर्धचन्द्रधरं देवं विघ्नव्यूह विनाशनं 


ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः हेरम्बाय नमो नमः 

सर्वसिद्धिप्रदोसि त्वं सिद्धिबुद्धिप्रदोभव 


चिन्तितार्थप्रदस्त्वं हि सततं मोदकप्रियः  

सिन्दूरारुणवस्त्रेश्च पूजितो वरदायकः 


इदं गणपतिस्तोत्रं यः पठेद भक्तिमान नरः 

तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीर्न मुञ्चति 


|| गणेश-लक्ष्मी स्तोत्र सम्पूर्णं ||  


श्री गणेश-लक्ष्मी स्तोत्र अर्थ 

  1. सम्पूर्ण सौख्य प्रदान करने वाले सत्चिदानद स्वरुप विघ्नराज गणेश को नमस्कार है, जो दुष्ट अरिष्टग्रहों का नाश करनेवाले परात्पर परमात्मा है। 
  2. जो महापराक्रमी लम्बोदर,सर्पमय,यज्ञोपवीत से सुशोभित अर्धचंद्रधारी और सभी विघ्नो का विनाश करनेवाले है, उन गणपति की में वंदना करता हु। 
  3. ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूँ ह्रैं ह्रौं ह्रः हेरम्ब को नमस्कार है, हे! भगवान् आप ही सभी सभी सिद्धियों के दाता हो, आप हमारे लिये सिद्धि-बुद्धि दायक हो। 
  4. आपको मोदक बहुत प्रिय है, आप मन के द्वारा चिंतित अर्थ को देनेवाले हो, सिंदूर और लालवस्त्र से पूजित होकर सदा आप वरदान प्रदान करते है।  
  5. जो भी मनुष्य भक्तिभाव से युक्त हो कर इस गणपति स्तोत्र का पाठ करता है, लक्ष्मी माता कभी उसका घर नहीं छोड़ती लक्ष्मी सदैव वह पर बनी रहती है।