भगवान शिव के अनेको अवतार हैं, इन्हीं में से विशेष स्थान भैरव जी का है। भगवान भैरव जिनका एक रूप काल भैरव भी है। इस लेख में भैरव जी की आरती दी जा रही है, इनकी सच्चे भक्तिभाव श्रद्धा के साथ पूजा करने से मनुष्य का भय, नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है अथवा उस व्यक्ति और उसके परिवार की सुरक्षा खुद काल भैरव करते है। प्रसन्न होने पर भगवन काल भैरव  मनोवांछित फल भी भक्त को प्रदान करते है। 


श्री काल भैरव आरती || Shri Kaal Bhairav Aarti


जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा,

जय काली और गौरा देवी करत हैं सेवा ॥

ॐ जय भैरव देवा 


तुम्हीं आप उद्धारक, दुख सिंधु तारक,

भक्तों के सुख कारक, दीपक वसु धारक ॥

ॐ जय भैरव देवा 


वाहन श्वान विराजत, कर त्रिशूल धारी,

महिमा अमित तुम्हारी, जय जय भयहारी ॥

ॐ जय भैरव देवा 


तुम बिन देवा पूजन, सफल नहीं होवे,

चतुर्वर्तिका दीपक, दर्शक दुख खोवे ॥

ॐ जय भैरव देवा


तेल चटिक दधि मिश्रित, माषाबली तेरी,

कृपा कीजिए भैरव, करिए नहीं देरी ॥

ॐ जय भैरव देवा 


पांव घूंघरू बाजत, डमरू डमकावत,

बटुकनाथ बन बालक, तन-मन हरषावत ॥

ॐ जय भैरव देवा 


बटुकनाथ की आरती, जो कोई जन गावे,

कहे धरणीधर, मन वांछित फल पावे ॥

ॐ जय भैरव देवा


Shri Kaal Bhairav Aarti


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