नारायण हृदय एवं लक्ष्मी हृदय स्तोत्र बहुत फलदायी माने गए है। अगर आप इनका नित्य पाठ करते है तो सुख-शान्ति एवं समृद्धि प्राप्त होती है। नारायण हृदय स्तोत्र के बिना यदि लक्ष्मी हृदय स्तोत्र का पाठ करते हैं तो सभी किया हुआ निष्फल हो जाता है और लक्ष्मी क्रुद्ध हो जाती है। 

अगर आप सच्ची भावना श्रद्धा के साथ इनका पाठ करते है तो अवश्य ही आपको फल की प्राप्ति होती है। बस अपना मन और भाव शुद्ध रखने की जरूरत है। चलिए जानते है श्री महालक्ष्मी हृदय स्तोत्र के बारे में -


लक्ष्मी हृदय स्तोत्र || Lakshmi Hridaya Stotra


श्रीमत सौभाग्यजननीं, स्तौमि लक्ष्मीं सनातनीं ।

सर्वकामफलावाप्ति साधनैक सुखावहां ॥1॥


श्री वैकुंठ स्थिते लक्ष्मि, समागच्छ मम अग्रत: ।

नारायणेन सह मां, कृपा दृष्ट्या अवलोकय ॥2॥


सत्यलोक स्थिते लक्ष्मि, त्वं समागच्छ सन्निधिम ।

वासुदेवेन सहिता, प्रसीद वरदा भव ॥3॥


श्वेतद्वीपस्थिते लक्ष्मि, शीघ्रम आगच्छ सुव्रते ।

विष्णुना सहिते देवि, जगन्मात: प्रसीद मे ॥4॥


क्षीराब्धि संस्थिते लक्ष्मि, समागच्छ समाधवे ।

त्वत कृपादृष्टि सुधया, सततं मां विलोकय ॥5॥


रत्नगर्भ स्थिते लक्ष्मि, परिपूर्ण हिरण्यमयि ।

समागच्छ समागच्छ, स्थित्वा सु पुरतो मम ॥6॥


स्थिरा भव महालक्ष्मि, निश्चला भव निर्मले ।

प्रसन्ने कमले देवि, प्रसन्ना वरदा भव ॥7॥


श्रीधरे श्रीमहाभूते, त्वदंतस्य महानिधिम ।

शीघ्रम उद्धृत्य पुरत:, प्रदर्शय समर्पय ॥8॥


वसुंधरे श्री वसुधे, वसु दोग्ध्रे कृपामयि ।

त्वत कुक्षि गतं सर्वस्वं, शीघ्रं मे त्वं प्रदर्शय ॥9॥


विष्णुप्रिये ! रत्नगर्भे, समस्त फलदे शिवे ।

त्वत गर्भ गत हेमादीन, संप्रदर्शय दर्शय ॥10॥


अत्रोपविश्य लक्ष्मि, त्वं स्थिरा भव हिरण्यमयि ।

सुस्थिरा भव सुप्रीत्या, प्रसन्न वरदा भव ॥11॥


सादरे मस्तकं हस्तं, मम तव कृपया अर्पय ।

सर्वराजगृहे लक्ष्मि, त्वत कलामयि तिष्ठतु ॥12॥


यथा वैकुंठनगरे, यथैव क्षीरसागरे ।

तथा मद भवने तिष्ठ, स्थिरं श्रीविष्णुना सह ॥13॥


आद्यादि महालक्ष्मि, विष्णुवामांक संस्थिते ।

प्रत्यक्षं कुरु मे रुपं, रक्ष मां शरणागतं ॥14॥


समागच्छ महालक्ष्मि, धन्य धान्य समन्विते ।

प्रसीद पुरत: स्थित्वा, प्रणतं मां विलोकय ॥15॥


दया सुदृष्टिं कुरुतां मयि श्री: ।

सुवर्णदृष्टिं कुरु मे गृहे श्री: ॥16॥



|| फलश्रुतिः ||

महालक्ष्मी समुद्दिश्य निशि भार्गव वासरे ।

इदं श्रीहृदयँ जप्त्वा शतवारं धनी भवेत् ॥


|| श्री लक्ष्मी हृदय स्तोत्र सम्पूर्णं ||

Shri Lakshmi Hridaya Stotra


जरूरी सूचना - इसके बाद श्री हरी नारायण हृदय स्तोत्र का पाठ जरूर करे।