माँ शाकुम्भरी जी की पूर्ण निष्ठा के साथ आरती करने से माँ शाकम्भरी बहुत प्रसन्न होती है और अपने भक्त की हर मनोकामना को पूरा कर देती है। माँ शाकंभरी आरती के प्रतिदिन पाठ से व्यवसाय में उन्नति देखने को मिलती है साथ ही अन्न-सब्जी, धन-धान्य में कोई कमी नहीं रहती। 


माँ शाकम्भरी आरती | Maa Shakambhari Aarti


हरि ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो ।

ऐसी अद्भुत रूप हृदय धर लीजो ॥


शताक्षी दयालु की आरती कीजो ।

तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ, सब घट तुम आप बखानी माँ ॥

शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो…


तुम्हीं हो शाकुम्भर, तुम ही हो सताक्षी माँ ।

शिवमूर्ति माया प्रकाशी माँ ॥

शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो…


नित जो नर-नारी अम्बे आरती गावे माँ ।

इच्छा पूर्ण कीजो, शाकुम्भर दर्शन पावे माँ ॥

शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो…


जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ, जो नर आरती सुनावे माँ ।

बस बैकुंठ शाकुम्भर दर्शन पावे ॥

शाकुम्भरी अंबाजी की आरती कीजो…


|| इति माँ शाकुम्भरी आरती संपूर्णम् ||


Maa Shakambhari Aarti



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