हिन्दू धर्म में सृष्टि की उतपत्ति का करम कुछ इस प्रकार बताया गया है। अनंत की उतपत्ति हुई, अनंत से मेहत(ईश्वर) उतपन्न हुए, ईश्वर से अन्धकार जन्मा, अन्धकार से आकाश, आकाश से वायु, वायु से अग्नि, अग्नि से जल, जल से पृथ्वी, पृथ्वी से औसधि, औसधि से अन्न(अनाज), अन्न से वीर्य और वीर्य से प्राणी उतपन्न हुआ। उसी इंसान की समझ के लिए (ज्ञान के लिए) वेदो का निर्माण हुआ।  


वेदो के अनुसार आयाम क्या है?

भगवान जिसके बारे में हम पूरी तरह से वर्णन भी नहीं कर सकते है लेकिन हमारे वेदो में कई ऐसी बाते बताई गयी है जो हमे परम सत्य जानने में मदद करती है। 

आज विज्ञानं भी ये बोलता है की हमारे ब्रह्माण्ड में कई आयाम है। 10 आयाम का सिद्धांत भी सामने लाया गया है। लेकिन हमारे वेदो के अनुसार 64 आयामों के बारे में बताया गया है।


In which Dimension God Lives?


मनुष्य कौन से आयाम में वास करते है?

हमारी धरती जो की हिन्दू ग्रंथो के अनुसार त्रियामी  3D है यानी की तीन आयामों से बंधी हुई। पहला आयाम है ऊपर से निचे, दूसरा आयाम है दाए और बाए और तीसरा आयाम है आगे और पीछे। 

एक चौथा आयाम भी है जिसको हम समय बोलते है हमारी धरती लोक इसी त्रियामी सृस्टि में निवास करती है। चौथा आयाम यानी की समय को हम आगे बढ़ते हुए महसूस तो कर सकते है लेकिन उसमे पीछे नहीं जा सकते है यही हमारी सीमा है। 


वेदो के अध्यन से पता लगता है की सिर्फ धरती लोक ही नहीं बल्कि 13 लोक और है जो इन चारो आयाम से बंधे हुए है - 

  • सत्यलोक 
  • तपलोक 
  • जनकलोक 
  • महरलोक 
  • स्वर्गलोक 
  • भुवरलोक 
  • भूलोक (पृथ्वी)
  • अताल 
  • वीताल 
  • सुताल 
  • तलताल 
  • महाताल 
  • रस्ताल 
  • पाताल 

भूलोक में हम निवास करते है, भुवरलोक में हमारी आत्मा और स्वर्गलोक में देवता ये 14 लोक इन चार आयाम से बंधे हुए है।  




In which Dimension God Lives


भगवान किस आयाम में वास करते है? In which Dimension God Lives


(1) ब्रह्मा जी 5 पांचवे आयाम में निवास करते है इसको ही ब्रह्म आयाम (Multiple Universe) कहा गया है। हर ब्रह्माण्ड के अलग-अलग ब्रह्मा है। हर ब्रह्मा से एक ब्रह्माण्ड बनता है। 
Big Bang जिसको हम तीन आयामी दुनिया की उतपत्ति का जरिया मानते है वो इसी पांचवे आयाम के ब्रह्मा से उतपन्न होता है। यह से कई ब्रह्माण्ड उतपन्न होते है यह का समय भी अलग है क्युकी ये हमारे चारो आयाम से बहार है।

(2) फिर आता है 6 छटा आयाम जिसमे निवास करते है विष्णु/नारायण महा विष्णु के भी तीन रूप माने गए है।

(3) फिर आता है 7 सातवा आयाम जिसको सत्य आयाम भी कहा जाता है। योगी जो गहरी सादना करते है वो इसी आयाम को महसूस करते है। इसी आयाम में वो अनंत ज्ञान है जिसको पाके मनुष्य देवताओ की श्रेणी में चला जाता है। इसी आयाम का ज्ञान पाने वाला महा-ज्ञानी होता है जिसके चक्षु चरम सीमा में पोहोच जाते है।

(4) फिर आता है 8 आठवां आयाम जिसको कैलाश कहा जाता है। इस आयाम में भगवान शिव का भौतिक रूप निवास करता है। उनका काम ही इन सातो आयाम का संतुलन बनाये रखना है। हर सिद्ध पुरुष सत्य आयाम का ज्ञान लेकर भगवान शिव को पाने की कोशिश करते है क्युकी ये ही मोक्ष का रास्ता है।

(5) फिर आता है 9 नोवा आयाम जिसको वैकुण्ठ भी कहा जाता है। इसमें श्री हरी विष्णु निवास करते है। जो की हर आयाम को चलाये रखते है मोक्ष को प्राप्त करना ही इस आयाम में परमात्मा में समा जाना होता है। 
हर आयाम इसी से बना हुआ है यही आयाम का मुख्य स्रोत है। मोक्ष प्राप्त करने के बाद हर आत्मा शून्य होकर इसी आयाम में परमात्मा में लीन हो जाती है।

(6) इसके बाद है  10 दसवा आयाम जिसको हम अनंत आयाम भी बोलते है। जहा पर परमात्मा निवास करते है। सनातन धर्म में इनको ही निराकार, अनंत, सदा शिव और परम् कहा गया है। महा-भारत में युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपने इसी परम् रूप के दर्शन दिए थे इनको ही सत्य विष्णु भी कहा जाता है।
इनका की अंश हर आयाम में अपना-अपना कार्य कर रहा है। ये ही त्रिदेवो की शक्ति का मुख्य स्रोत है ब्रह्मा, विष्णु, महेश इनके ही रूप है। इन्ही 10 आयामों में ही किसी न किसी रूप में 64 आयाम बसे हुए है। यही वो आयाम है जो अनंत है, और अनंत से ही मेहत (ईश्वर) है।