हिन्दू धर्म के अनुसार पत्नी को अर्धांगिनी भी कहा गया है जिसका मतलब होता है पति के शरीर का आधा हिस्सा। कहा जाता है की पत्नी के बिना एक मनुष्य की ज़िन्दगी अधूरी है, पत्नी ही पति की ज़िन्दगी को पूरा करती है। वह उसके जीवन में खुशहाली लाती है उसका और उसके परिवार का ख्याल रखती है। 


Those good qualities of wife which make husband lucky.


पत्नी के वह अच्छे गुण जो बनाते है पति को भाग्यशाली। 

विष्णु पुराण में भगवान स्वयं कहते है की अगर आपकी पत्नी में यहाँ अच्छे गुण है तो आप की तुलना देवराज इंद्र के  समान है। यदि पत्नी के गुण अच्छे नहीं तो वह आपके अच्छे खासे खुशहाल जीवन को नर्क बना सकती है। 

इस लेख के माध्यम से हम आपको हिन्दू धर्म ग्रंथो अथवा पुराणों में बताए गए पत्नी के वह गुण जो पति को भाग्यशाली बनाते है उसके बारे में बताएंगे। 


1. पतिपरायण

जो स्त्री अपने पति की मर्यादा का ख्याल रखती है, कोई ऐसा काम नहीं करती जिससे उसके पति पर सवाल खड़े हो, साथ ही साथ अपने पति से ईमानदार हो, उसके समझाने पर समझती हो ऐसी पत्नी मिलना अच्छे भाग्य की निशानी माना जाता है।  


2. धर्म कर्म 

जो महिला हमेशा धर्म के मार्ग पर चलकर न‌ियम‌ित रूप से स्नान कर खुद को स्वच्छ रूप से ध्यान करके देवी-देवताओं की पूजा करती है अर्थात ईश्वर पर विश्वास रखती है वह हमेशा पति और अपने घर-परिवार लिए शुभ होती है। 


3. सीमित इच्छाएं 

ऐसी स्त्री जो अपनी इच्छाएं सीमित रखती है जो अपने पति के लायक ही अपनी इच्छाएं बताती है कोई गैर इच्छा व्यक्त नहीं करती है। अक्सर पति अपनी पत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए गलत मार्ग पर चल पड़ता है। 

ऐसे में सिर्फ उसका ही नहीं उसके परिवार उसके अपनों का भी नुक्सान होता है। यदि कोई स्त्री अपनी इच्छा को सीमित रखती है उसमे संतोष रखती है तो उसका और उसके परिवार का जीवन सदैव खुशहाली से भरा रहता है। 


4. गृहणी 

ग्रंथो शास्त्रों में पत्नी को गृहणी भी कहा गया है जिसका मतलब होता है घर संभालने में सक्षम। वह स्त्री जो परिवार का पालन पोषण कर सके, खाना बनाने में निपूर्ण परिवार की सेवा करने वाली अपनी ज़िम्मेदारियों से कभी न पीछे हटने वाली। अपने घर में एकता बनाने वाली स्त्री सदैव देवी लक्ष्मी का रूप होती है। 


5. बोली 

हर इंसान अपनी बोली से पहचाना जाता है अगर बोली में मिठास हो तो सब उसको गुणवान समझते है। वैसे ही स्त्री की बोली उसकी भाषा में मिठास होना उसके परिवार के लिए अच्छा माना गया है। और यही उसके संस्कार कहते है। 

कठोर स्वभाव की स्त्री की बोली में कठोरता होने की वजह से परिवार में सदैव क्लेश और परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का वास रहता है जो गृह क्लेश को निमंत्रण देता है। अच्छी बोली होने से परिवार में सदैव खुशियाँ रहती है। 


6. शांत और धैर्य

शांत और धैर्य स्वभाव स्त्री का प्रतीक होता है। ऐसी स्त्री हमेशा परिवार पर कोई भी संकट का समना करने योग्य होती है, शांत और धैर्य गुण किसी भी कठनाई से निकलने में सक्ष्म होता है। ऐसे गुण वाली स्त्री परिवार को हमेशा बुराई से बचा के रखती है। 


अंतिम शब्द 

बताए गए गुण वाली स्त्री खुद में देवी लक्ष्मी का रूप मानी जाती है इनको खुश रखना परिवार का दायित्व होना चाहिए। ऐसा करने से सदैव देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद उनके परिवार पर रहता है और व्हे धनवान, गुणवान और खुशहाल रहते है।