भगवान शिव जिन्हे इस जगत का इस सृष्टि का आदिपति भी कहा गया है। जितने भोले है उतने ही रूद्र अपने सभी भक्तो की सुनने वाले, भक्तो की श्रद्धा देख ही प्रसन्न हो जाने वाले। 

वैसे तो महादेव सबके है और सब उनका ही है, पर क्या आप भगवान शिव के गणो के बारे में जानते है, की कौन उनके ख़ास गण है जो उनकी आज्ञा को पूर्ण करने के लिए तत्पर रहते है और उनमे सबसे शक्तिशाली कौन है। अगर नहीं तो इस लेख को पूरा पढ़े। 


bhagwan shiv ke gans dwarapal aur paarshad


भगवान शिव के प्रिय गण 

वैसे तो भगवान शिव की आज्ञा से ही सभी देवी देवता कार्य करते है। लेकिन हम आपको पुराणों के अनुसार भगवान शिव के प्रमुख गणो, द्वारपाल और पार्षद के बारे में जानकारी देंगे। 

1. भैरव 

मान्यता के अनुसार भैरव भगवान शिव के सर्वप्रधान गण है। सारे गणो के प्रधान और शिव दरबार के मुख्य सचिव जो हर शिव मंदिर की रक्षा अदृश्य रूप में करते है।

फिर चाहे वो भगवान शिव के 12 ज्योतर्लिंगो हो या मातासती के सिद्ध पीठ या शिव नगरी काशी हर जगह भगवान भैरव कोतवाल के रूप में मंदिर और भक्तो की रक्षा करते है। 

भैरव सिर्फ भगवान शिव के गण ही नहीं बल्कि भगवान के रूप में भी पूजे जाते है बहुत लोग उन्हें भगवान शिव का प्रतिरूप भी कहते है। 

2. नंदी 

नंदी भगवान शिव और माता पारवती को पुत्र की तरह प्रिय है। तभी भगवान शिव ने उन्हें अपनी सवारी के रूप में वरदान दिया है। उन्होंने ही कामशास्त्र की रचना की है। नंदी भगवान शिव की सवारी के साथ साथ कैलाश के द्वारपाल और भगवान शिव के पार्षद भी है। 

3. वीरभद्र 

पुराणों के मुताबिक वीरभद्र की उत्पति शिव जी ने अपनी जटा से की थी। उनकी उत्पति का मुख्य कारण था दक्ष प्रजापति का वद्ध। मान्यताओं के मुताबिक वीरभद्र बड़े विशाल और डरवाने थे उनकी आवाज़ से ही तीनो लोक गूंज उठते थे। इन्हे विनाश और उग्रता का देवता भी कहा गया है। 


इसके अलावा मणिभद्र, चंदिस, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय आदि। भूत, पिशाच, दैत्य, नाग-नागिन और पशुओं को भी भगवान शिव के गण माना जाता है। ये सभी गण धरती और ब्रह्मांड के प्रत्येक मनुष्य, आत्मा आदि की खैर-खबर रखते हैं।


भगवान शिव के द्वारपाल 

पुराणों में वर्णित है की भगवान के गणो में उनके द्वारपाल भी शामिल है। जो कैलाश की सभी दिशाओ में तैनात है  जिनकी इच्छा के विरुद्ध कोई भी कैलाश में नहीं जा सकता है। जिनके नाम कुछ इस प्रकार है - नंदी, रिटी, स्कंद(कार्तिकेय), वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर और महाकाल।                   



भगवान शिव के पार्षद 

मान्यता के अनुसार भगवान शिव के कर्यो को संचालित करने के लिए भगवान शिव ने अपने कुछ मुख्य पार्षद नियुक्त किये है जिनके नाम कुछ इस प्रकार है - बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी आदि शिव के पार्षद हैं।