जब भी हम माँ लक्ष्मी की बात करते है तो ज्यादातर लोग उन्हें धन से जोड़ते है पर ऐसा नहीं है लक्ष्मी शब्द ही दो शब्दों से मिलकर बना है, एक 'लक्ष्य' तथा दूसरा 'मी' अर्थात लक्ष्य तक ले जाने वाली देवी। 

इस लेख में हम आपको पुराणों, ग्रंथो के माध्यम से ये बतायेँगे की लक्ष्मी माता के कितने अवतार है, उनके कितने रूप है,उनके मंदिर, माता के मंत्र और उनको कितने रूपों में पूजा जाता है। अगर आप भी ये जानने में दिलचस्पी रखते है तो निवेदन इस लेख को अंत तक पढ़ियेगा।


कौन है लक्ष्मी माता?

पुराणों के अनुसार माता लक्ष्मी उत्पत्ति समुद्र मंथन में अन्य रंत्नो के साथ हुई थी। पर एक अन्य मान्यता के अनुसार माँ लक्ष्मी को भृगु ऋषि की बेटी बताया जाता है। दरअसल, जो लक्ष्मी माता समुंद्र मंथन से निकली थी उनको श्री रूप बताया जाता है, यानी देवताओ की शक्ति। आप इनको देवताओ के धन संपदा से भी जोड़ सकते है।


लक्ष्मी जी का दो रूपों में वर्णन किया जाता है -

1. श्रीरूप 

श्रीरूप में माँ कमल पर विराजमान हैं, इनको महालक्ष्मी भी बोला गया है, धन की देवी महालक्ष्मी का वाहन हाथी है। महाभारत काल में भी लक्ष्मी माता के (विष्णुपत्नी लक्ष्मी) एवं (राज्यलक्ष्मी) दो प्रकार बताए गए हैं।


2. लक्ष्मी रूप

लक्ष्मी रूप में वह क्षीरसागर में भगवान विष्णु के साथ विराजमान है। एक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू है, देवी लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर बैठकर भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी भ्रमण करने आती हैं। कुछ के अनुसार उल्लू उनकी बहन अलक्ष्मी का प्रतीक है, जो सदैव उनके साथ रहता है। 


देवी लक्ष्मी के दो रूप, देवी लक्ष्मी के मंत्र



एक अन्य मान्यता के अनुसार लक्ष्मी के दो रूप हैं -

1. भूदेवी 

भूदेवी धरती की देवी मानी गयी है वहा उर्वरा से जुड़ी हैं, भूदेवी सरल और सहयोगी पत्नी हैं। 


2. श्रीदेवी

श्रीदेवी स्वर्ग की देवी है वह महिमा और शक्ति से जुडी है श्रीदेवी चंचल सव्भाव की मानी गयी है जिनको खुश करने के लिए नारायण को सदेव प्रयास करना पड़ता है। 


लक्ष्मी माता से संबंधित कुछ जरूरी बाते-

  • शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मी का जन्म शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था।
  • उनके माता-पिता का नाम ख्याति और भृगु है।
  • उनके दो भाई धाता और विधाता अथवा एक बहन अलक्ष्मी है।
  • वह क्षीरसागर में भगवान विष्णु के साथ वास करती हैं।
  • ज्योतिष शास्त्र एवं धर्म ग्रंथों के अनुसार शुक्रवार को माता लक्ष्मी का शुभ दिन माना गया है। 
  • उनके 18 पुत्र बताए गए है जिसमे से 4 प्रमुख पुत्रों के नाम है- आनंद, कर्दम, श्रीद, चिक्लीत।


धर्म ग्रंथों के अनुसार लक्ष्मी जी के 8 अवतार

महालक्ष्मी, जो वैकुंठ में निवास करती हैं। स्वर्गलक्ष्मी, जो स्वर्ग में निवास करती हैं। राधाजी, जो गोलोक में निवास करती हैं। शोभा, जो हर वस्तु में निवास करती हैं। गृहलक्ष्मी, जो गृह में निवास करती हैं। दक्षिणा, जो यज्ञ में निवास करती हैं। सुरभि जो रुक्मणी का ही नाम है, वहा भी गोलोक में निवास करती हैं और राजलक्ष्मी (माँ सीता), जो पाताल और भूलोक में निवास करती हैं।


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महालक्ष्मी को अष्टलक्ष्मी क्यों कहा जाता है?

अष्टलक्ष्मी महालक्ष्मी के 8 विशेष स्वरूपो को कहा गया है। यह अलग-अलग माध्यमों से अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं, इसलिए धर्मग्रंथों में अष्ट लक्ष्मी का उल्लेख किया गया है। ये अष्ट लक्ष्मी अपने नाम के अनुसार फल देती हैं।


महालक्ष्मी के 8 विशेष स्वरूप (अष्टलक्ष्मी)

  1. आदि लक्ष्मी 
  2. धन लक्ष्मी
  3. विद्या लक्ष्मी 
  4. धान्य लक्ष्मी
  5. धैर्य लक्ष्मी
  6. संतान लक्ष्मी 
  7. विजय लक्ष्मी
  8. राज लक्ष्मी


लक्ष्मी माता के प्रसिद्ध मंदिर 

  • महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर  
  • चौरासी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
  • पद्मावती का मंदिर, तिरुपति 
  • लक्ष्मीनारायण मंदिर, दिल्ली
  • स्वर्ण मंदिर, तमिलनाडु 
  • महालक्ष्मी मंदिर, इंदौर
  • अष्टलक्ष्मी मंदिर, चेन्नई
  • महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई  
  • पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
  • लक्ष्मीनारायण मंदिर, चंबा



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लक्ष्मी जी के मंत्र 

महालक्ष्मी मंत्र

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। 
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।

= महालक्ष्मी से धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जप करे। 

लक्ष्मी बीज मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नम:।।

लक्ष्मी गायत्री मंत्र

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।

= लक्ष्मी गायत्री मंत्र के जप से मनुष्य को सफलता मिलती है।

ज्येष्ठ लक्ष्मी मंत्र 

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्येष्ठ लक्ष्मी स्वयम्भुवे ह्रीं ज्येष्ठायै नमः ।।

श्री लक्ष्मी नृसिंह मंत्र

ॐ ह्रीं क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी नृसिंहाय नमः ।
ॐ क्लीन क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी देव्यै नमः ।।


अंतिम शब्द 

इस लेख क्या आप माँ लक्ष्मी के बारे में यहाँ महत्वपूर्ण बाते जानते है? में लिखी सारी जानकारी विभिन्न माध्यमों/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, हम इसकी पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करते है की यह पूरी तरह सही है इसके उपयोगकर्ता/पाठक इसे महज सूचना/कथा समझकर ही लें। धन्यवाद।