भगवान हनुमान को शक्ति और ज्ञान के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। यहाँ भगवान शिव के ग्यारहवें रूद्र अवतार है और श्री राम के सबसे बड़े भक्त भी अपनी भक्ति और सेवा के लिए इन्हे भगवान राम से चिरंजीवी का वरदान प्राप्त है, इसलिए हनुमान जी को कलियुग में सबसे अधिक पूजा जाता है और इनका मंदिर हर जगह पर आसानी से मिल जाता है। 


10 Famous Hanuman Temples in India


प्रसिद्ध हनुमान मंदिर

इस लेख के माध्यम से हम आपको भारत के व्हे प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों की जानकारी देंगे जो प्राचीन और चमत्कारी है। 


1.  हनुमानगढ़ी, अयोध्या (उत्तर प्रदेश)

हनुमानगढ़ी उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर में स्थित एक प्रसिद्ध सनातन मंदिर है। यह हनुमान जी को समर्पित है, जिन्हें श्री राम का प्रबल भक्त माना जाता है। मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है, जहा पहुंचने के लिए भक्तो को 76 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।

मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी की शुरुआत में अवध के नवाब ने नवाबगढ़ के नाम से करवाया था। मुख्य मंदिर परिसर में भगवान राम, भगवान शिव और अन्य देवताओं को समर्पित कई छोटे मंदिर हैं। मंदिर में हनुमान जी की मुख्य मूर्ति बैठे हुए मुद्रा में चित्रित की गई है। 

हाथ में गदा लिए मूर्ति को स्वयंभू कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह किसी मनुष्य द्वारा स्थापित नहीं बल्कि स्वयं प्रकट हुई थी। हनुमानगढ़ी मंदिर को अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है, और यह मंदिर देश भर से बड़ी संख्या में हनुमान भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है, खासकर मंगलवार और शनिवार को भक्तो की भीड़ काफी संख्या में होती है। 


2. बालाजी हनुमान मंदिर, मेहंदीपुर (राजस्थान)

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के मेहंदीपुर शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है। यह मंदिर अपने अनूठे अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है और मान्यता है कि शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की पीड़ा से भक्तो को मुक्त करने में सक्षम है। मंदिर अपने भूत बाधा से मुक्त करने के अनुष्ठानों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। 

मंदिर परिसर में तीन मुख्य देवता विराजमान हैं, एक भगवान हनुमान, दूसरे कोतवाल कप्तान भगवान भैरव और तीसरे दण्डाधिकारी भगवान प्रेत राज जिन्हें भूतों का राजा माना जाता है। मंदिर में भगवान हनुमान की मुख्य मूर्ति जिसमे उनकी खुली आँखों और हाथ में एक गदा के साथ चित्रित किया गया है।

यहाँ पर देवता को लाल मिर्च का पाउडर चढ़ाने की सबसे अनूठी प्रथा है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह बुरी शक्तियों को दूर भगाता है और काले जादू या कब्जे से पीड़ित लोगों को ठीक करता है साथ ही साथ बालाजी को लड्डू, प्रेतराज को चावल और भैरोंनाथ जी को उड़द का प्रसाद चढ़ाया जाता है। मंदिर अपने पवित्र जल के लिए भी प्रशिद्ध है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें उपचार के गुण हैं और इसका उपयोग विभिन्न अनुष्ठानों और समारोहों के लिए किया जाता है।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर देश भर से बड़ी संख्या में भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है, विशेष रूप से वे जो विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हैं और ठीक होने के लिए मेहंदीपुर बालाजी से प्राथना करने आते हैं। मंदिर में विशेष रूप से हनुमान जयंती और नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान भक्तो की भीड़ होती है। 


3. हनुमान मंदिर, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) 

प्रयागराज जिसे इलाहाबाद के नाम से भी जाना जाता है, यहाँ पर भगवान हनुमान को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है, यह मंदिर प्रयागराज में तट पर स्थित है और शहर के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। 

प्रयागराज में इसे बहुत ही शुभ और शक्तिशाली मंदिर माना जाता है, और यह देश भर से बड़ी संख्या में भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है, विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार, भगवान हनुमान की पूजा करने के लिए यह दिन शुभ माने जाते हैं। हनुमान मंदिर में संकटमोचन को लड्डू चढ़ाने की प्रथा है, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि पाने के लिए हनुमान जी को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद लेने का तरीका है। 

यह मंदिर अपने वार्षिक हनुमान जयंती उत्सव के लिए भी जाना जाता है, जिसे बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मंदिर परिसर में एक बड़ा हॉल है, जिसमें बजरंग बली का मुख्य मंदिर है। यह संपूर्ण भारत का केवल एकमात्र मंदिर है जिसमें हनुमानजी लेटी हुई मुद्रा में हैं। 


4. महावीर हनुमान मंदिर, पटना (बिहार)

महावीर हनुमान मंदिर भारत के बिहार राज्य की राजधानी पटना में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। माना जाता है कि मंदिर प्राचीन काल के दौरान बनाया गया था और कई बार इसका नवीकरण किया गया है। मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है, महावीर हनुमान मंदिर परिसर एक बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है और विभिन्न देवताओं को समर्पित इसमें कई मंदिर शामिल है। हनुमान जी मंदिर परिसर के मुख्य भगवान है। हजारों की संख्या में भक्त महावीर हनुमान जी के दर्शन के लिए आते है। 

मन्दिर में श्री हनुमान जी की दो प्रतिमाएं एक साथ हैं, जिनका अपना अलग महत्व है। पहली परित्राणाय साधूनाम् जिसका अर्थ है अच्छे व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए और दूसरी विनाशाय च दुष्कृताम् जिसका अर्थ है दुष्ट व्यक्तियों की बुराई दूर करने के लिए। मंदिर अपनी विभिन्न सामाजिक और धर्मार्थ गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है, जिसमें जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराना और वंचितों के लिए चिकित्सा शिविर आयोजित करना शामिल है।


5. यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर, हंपी (कर्नाटक)

यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर कर्नाटक राज्य के हम्पी (यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल) में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। मान्‍यताओं के अनुसार यही क्षेत्र प्राचीन समय में किष्किंधा नगरी के नाम से प्रशिद्ध था, जो की वानर राज सुग्रीव की नगरी थी। रामायण में भी इसका उल्लेख मिलता है इसी जगह पर मारुतिनंदन का जन्म हुआ और प्रभु श्री राम से उनकी प्रथम भेंट यही पर हुई। 

आज के समय अंजनी पर्वत पर बसा है हनुमान जी का मंदिर, जहां तक पहुंचने के लिए 570 सीढियां चढ़कर जानी होती हैं। लगभग 500-600 साल पहले विजयनगर के तत्कालीन राजगुरु संत श्री व्यासराजू के कहने पर यह मंदिर विजयनगर के राजा तम्माराय ने बनवाया था। 

इस मंदिर में श्री हनुमान जी ध्यान मुद्रा में विराजमान हैं, जिन्हें एक यंत्र से घेरा गया है। यंत्र को ध्यान से देखने पर ये बंदरों से घिरा हुआ दिखाई देता है, यह मूर्ति पूरी तरह से एक चट्टान पर उकेरी गई है। आज भी यहां अनेक गुफाएं हैं, इस मंदिर में श्री राम नवमी के दिन से लेकर तीन दिन तक विशाल उत्सव मनाया जाता है।


6. बालाजी हनुमान मंदिर, सालासर (राजस्थान) 

बालाजी हनुमान मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित है। सालासर बालाजी हनुमान का पवित्र धाम है। यह पूरे भारत का इकलौता मंदिर है जिसमे हनुमान जी की दाढ़ी मूछों वाली मूर्ति स्थापित है मंदिर का निर्माण पूरी तरह से सफेद संगमरमर से किया गया है। 

माना जाता है कि हनुमान जी ने पहली बार सालासर के महाराज मोहनदास को सपने में दाढ़ी मूछों वाले भेष में ही दर्शन दिए थे तब मोहनदास ने बालाजी से इसी रूप में प्रकट होने की प्राथना की थी। यही वजह है कि यहां हनुमान जी की मूर्ति दाढ़ी और मूछों में स्थापित है। मंदिर में बालाजी की मूर्ति को बाजरे के चूरमे का खास भोग लगाया जाता है।


7. गिरजाबंध हनुमान मंदिर, रतनपुर (छत्तीसगढ़)

गिरजाबंध हनुमान मंदिर छत्तीसगढ़ के रतनपुर में स्थित है जिसे महामाया नगरी के नाम से भी जाना जाता है इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि पूरे विश्व में हनुमान जी का यह इकलौता मंदिर है जिसमे बजरंगबली नारी स्वरूप में हैं।

मान्यता है की मंदिर का निर्माण पृथ्वी देवजू नाम के राजा ने कराया था। एक रात हनुमान जी राजा के सपने में आए और उनको मंदिर बनाने का आदेश दिया, जैसे ही मंदिर का निर्माण पूर्ण होने वाला था भगवान फिर सपने में आये और महामाया कुंड से मूर्ति निकाल उसको स्थापित करने को कहा। जैसे ही कुंड से मूर्ति निकाली गयी सब हैरान हो गए क्यूंकि हनुमान जी की मूर्ति नारी रूप में थी और फिर पूरी विधि पूर्वक मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया।

 

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8. प्राचीन हनुमान मंदिर, कनॉट प्लेस (नई दिल्ली)

प्राचीन हनुमान मंदिर को सन 1724 में तत्कालीन जयपुर रियासत के महाराज जयसिंह के द्वारा पुनःनिर्माण करवाया गया। दिल्ली के कनाट प्लेस में बाबा खड़ग सिंग मार्ग पर यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर में 1 अगस्त 1964 से आज तक श्री राम जयराम जय जय राम का जाप लगातार जारी है। जिसके लिए मंदिर को गिनीज बुक में भी शामिल किया गया है।

मान्यता है कि गोस्वामी तुलसीदास 16वीं सदी में जब दिल्ली आए तब वे इस मंदिर में भी दर्शन के लिए आए थे और यही पर उन्हें 40 चौपाइयों की हनुमान चालीसा लिखने की प्रेरणा मिली। 


9.  श्री पंचमुख आंजनेयर हनुमान मंदिर, कुंभकोणम (तमिलनाडु)

तमिलनाडु के तंजौर जिले में स्थित एक छोटा सा शहर कुंभकोणम यही पर है श्री हनुमान जी का प्राचीन पंचमुखी मंदिर। धार्मिक ग्रंथो और कथाओं के अनुसार जब अहिरावण और उसके भाई महिरावण ने श्री राम और भ्राता लक्ष्मण को अगवा कर लिया था, तब प्रभु श्री राम को ढूँढ़ने के लिए हनुमान जी ने पंचमुख रूप धारण कर इसी स्थान से अपनी खोज को प्रारम्भ किया और फिर इसी रूप में उन्होंने अहिरावण और महिरावण का वध भी किया। 

इस मंदिर में श्री हनुमान जी की प्रतिमा पंचमुख रूप में स्थापित है। मंदिर में हनुमान जी आंजनेय अर्थात अंजनी पुत्र के रूप में उपस्थित हैं। इस दिव्य मूर्ति के पांच सिर है, हर एक सिर अलग देवता का प्रतिनिधित्‍व करता है और हनुमान जी की ज्ञान शक्ति को दर्शाता है। पंचमुख में भगवान गरूड़, भगवान नरसिंह, प्रभु हयाग्रीव, भगवान हनुमान और भगवान वराह के रूप शामिल है। 


10. बागेश्वर मंदिर धाम सरकार, छतरपुर (मध्य प्रदेश)

मध्य प्रदेश राज्य के छत्तरपुर जिले में यह पवित्र धाम बागेश्वर मंदिर स्थित है। इस पवित्र धाम में लोग अपनी समस्याओं की अर्जी लगाने और दर्शन के लिए जाते हैं। समस्या की अर्जी टोकन के माध्यम से लगाई जाती है और हर महीने में किसी शुभ दिन पर टोकन मंदिर परिसर के कार्यकर्ता के द्वारा बाटे जाते है। 

इस मंदिर में श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी पीठाधीश है जो भक्तो की अर्ज़ी सुनते है आपने इनको टीवी अथवा यूट्यूब में देखा होगा यह आज के समय भारत में काफी चर्चित है। श्री हनुमान जी द्वारा मिली सिद्धियों की मदद से ये भक्तो की समस्या का समाधान करते है।