भगवान शिव की महिमा से जुड़े अनेको मंत्र अथवा स्तोत्र हमारे धर्म ग्रंथो में उपस्थित है उनमे से एक ऐसा ही स्तोत्र है "शिवषडक्षर स्तोत्र" इसमें भगवान शिव के मंत्र ॐ नमः शिवाय की पूर्ण रूप से छह श्लोक में व्याख्या की गई है।
जो भी भक्त भगवान शिव के इस शिवषडक्षर स्तोत्र को सच्ची श्रद्धा के साथ पढ़ता है। उसे भगवान शंकर की अनंत कृपा प्राप्त होती है अथवा साथ में ॐ नमः शिवाय मंत्र से होने वाले कृपा का भी फल प्राप्त होता है।
शिव षडक्षर स्तोत्र || Shiv Shadakshar Stotra
ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः ।
कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः ॥1॥
नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणाः ।
नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो नमः ॥2॥
महादेवं महात्मानं महाध्यानं परायणम् ।
महापापहरं देवं मकाराय नमो नमः ॥3॥
शिवं शांतं जगन्नाथं लोकानुग्रहकारकम् ।
शिवमेकपदं नित्यं शिकाराय नमो नमः ॥4॥
वाहनं वृषभो यस्य वासुकिः कंठभूषणम् ।
वामे शक्तिधरं देवं वकाराय नमो नमः ॥5॥
यत्र यत्र स्थितो देवः सर्वव्यापी महेश्वरः ।
यो गुरुः सर्वदेवानां यकाराय नमो नमः ॥6॥
पाठ का फल
षडक्षरमिदं स्तोत्रं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥7॥
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