हमारी धरती में अनेक धर्म के लोग रहते है, और हमारे मन में कई बार ये सवाल उठता होगा की धरती में हमारी उत्पत्ति कैसे हुई। कौन था धरती का पहला मनुष्य? अगर आपके मन में भी कभी ये सवाल आया है और आप इसके बारे में जानना चाहते है तो ये लेख आपके लिए है।
इस लेख के माध्यम से हम आपको हिन्दू धर्म के अनुसार धरती के पहले मनुष्य की उत्पत्ति, उनका नाम और उनसे जुड़ी जानकारी प्रदान करेंगे।
कैसे हुई सृष्टि की रचना?
ये तो हम सभी जानते ही है की भगवान विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी उत्पन्न हुए है। और भगवान ब्रह्मा सृष्टि रचयिता और मानव उत्पत्ति के प्रमुख माने जाते है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार संसार की वृद्धि के लिए ब्रह्मा जी को जब नारायण ने सृष्टि की रचना करने को कहा तब उन्होंने एक पुरुष (जिसको मनु कहा गया है) एक स्त्री और सृष्टि कल्याण में अपने योगदान हेतु मानस पुत्रो को उत्पन्न किया।
ब्रह्मा जी के मानस पुत्र
- नेत्र से अत्रि
- मुख से अंगिरस
- नाभि से पुलह
- त्वचा से भृगु
- कान से पुलस्त्य
- हाथ से कृतु
- प्राण से वशिष्ठ
- अंगुष्ठ से दक्ष
- गोद से नारद
- छाया से कंदर्भ
- इच्छा से सनक, सनंदन, सनातन और सनतकुमार
- मन से मरीचि
- ध्यान से चित्रगुप्त
- शरीर से स्वायंभुव मनु और शतरुप
धरती पर मानव की उत्पत्ति कैसे हुई?
अन्य मान्यता के अनुसार ये भी कहा गया है की ब्रह्मा जी के तप से रूद्र उत्पन्न हुए जो अर्धनारीश्वर (अर्थात आधा भाग नर का और आधा नारी का) रूप में थे उनकी शक्ति को अलग कर एक से स्वयंभुव मनु और दूसरे से शतरूपा की उत्पत्ति हुई।
इनसे दो पुत्र (प्रियव्रत, उत्तानपाद) तथा तीन पुत्री (आकूति, देवहूति और प्रसूति) जन्मे।
आकूति का विवाह रुचि प्रजापति, देवहूति का विवाह प्रजापति कर्दम और प्रसूति का विवाह दक्ष प्रजापति के साथ हुआ।
➔ देवहूति से नौ पुत्री तथा एक पुत्र उत्पन्न हुये। (पुत्रियों के नाम - कला, अनुसुइया, श्रद्धा, हविर्भू, गति, क्रिया, ख्याति, अरुन्धती और शान्ति थे तथा पुत्र का नाम कपिल था।)