आपने कभी न कभी तो ट्रेडमार्क और पेटेंट के बारे में सुना ही होगा। हम अक्सर जब भी बाजार में किसी वस्तु को लेने जाते है तो सबसे पहले हम उस कंपनी या ब्रांड का नाम देखते है और उसका डिज़ाइन (Logo) देखते है जिससे हमको उस कंपनी के बारे में पता लगता है। यह Logo ही कंपनी का Trademark है इसके प्रचार के लिए कंपनिया बहुत पैसे खर्च करती है जिससे उनकी ब्रांड को पहचान मिले ज्यादा से ज्यादा लोग उनके बारे में जान जाए और उनकी वैल्यू बड़े।


ट्रेडमार्क, पेटेंट और कॉपीराइट


Trademark, Patent और Copyright क्या होता है?

चलिए एक-एक करके जानते है Trademark, Patent और Copyright के बारे में विस्तार से ये होते क्या है इनको रजिस्टर कैसे कराए - 


ट्रेडमार्क क्या होता है?

ट्रेडमार्क एक अनोखा नाम, प्रतीक या कोई वाक्य को बोल सकते है जिसको आपने अपने बिज़नेस के लिए रजिस्टर कर इस्तेमाल में लिया हो। कोई भी कंपनी का नाम या उसका डिज़ाइन उसका ट्रेडमार्क कहलाता है। 

ये इसलिए जरूरी होता है ताकि कोई अन्य व्यक्ति या बिज़नेस आपके नाम से अपने प्रोडक्ट न बेचे। मेहनत करे आप और फल ले जाए कोई और। आपके trademark पर बस आपका ही हक़ होता है अगर कोई अन्य प्रोडक्ट आपके ट्रेडमार्क से बेचा जा रहा है तो आप उसके विरोध में क़ानूनी करवाई कर सकते है। 


ट्रेडमार्क कैसे रजिस्टर करें?

ट्रेडमार्क रजिस्टर करने के लिए सबसे पहले आपको class के बारे में पता होना चाहिए। ट्रेडमार्क रजिस्टर करने के लिए सरकार ने हर एक कार्य के लिए एक class निर्धारित की हुई है। goods & services की कुल 01-45 classes है। आपका जो भी प्रोडक्ट या सर्विस है उसकी class का पता करे और उसमे अपना ट्रेडमार्क रजिस्टर करवा सकते है। 

Trademark रजिस्टर करवाने के लिए सरकारी वेबसाइट Intellectual Property India में जा कर आप अपने ब्रांड को रजिस्टर करवा सकते है। इसकी वैधता 10 वर्षो की होती है उसके बाद फिर आपको इसे renew करवाना पड़ता है। ट्रेडमार्क रजिस्टर करने में लगभग 1 से 2 साल का समय लग जाता है क्योंकि इतने समय में यह छान-बीन की जाती है की जो आपने ट्रेडमार्क अप्लाई किया है वो पहले से मौजूद तो नहीं है। 

आपने अक्सर किसी कंपनी ब्रांड के logo में लगा हुआ जरूर देखा होगा। इसका मतलब होता है की इस कंपनी ने अपने ब्रांड के logo को रजिस्टर के लिए अप्लाई कर दिया है। और जिस भी ब्रांड में आपको Ⓡ ये दिखता है तो समझ जाना ये Trademark रजिस्टर ब्रांड है। 


ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन फीस और दस्तावेज 

  • अगर आपका स्टार्टअप है या कोई छोटा व्यापार है तो उसके लिए 4000 से 5000 तक की रजिस्ट्रशन फीस लगती है। renew करने के लिए भी 5000 से 6000 तक खर्चा आता है। बिज़नेस अगर बड़ा है तो उस में अधिक चार्ज देने पड़ते है। 
  • Trademark रजिस्टर के लिए जरूरी दस्तावेज अपना नाम अपनी फोटो और एड्रेस प्रूफ (आधारकार्ड) के साथ बिज़नेस का नाम, बिज़नेस का logo और जो भी आप प्रोडक्ट या सर्विस देते है उसकी class कौन सी है। class के बारे में जानने के लिए Intellectual Property India की ऑफिसियल वेबसाइट में विजिट करे। 


पेटेंट क्या होता है?

पेटेंट एक ऐसा कानूनी अधिकार है जो किसी इंसान या संस्था को उसके विशेष उत्पाद, खोज, डिजाईन, प्रक्रिया या सेवा के ऊपर दिया जाता है। कोई अन्य अगर किसी के पेटेंट को उसकी इच्छा के विरुद्ध काम में लेता है तो उसे कानूनी अपराध में गिना जाता है। भारत में पेटेंट अधिनियम 1970 और पेटेंट नियम 1972 द्वारा शासित हैं। एक पेटेंट का जीवनकाल 20 वर्ष तक है।


पेटेंट के प्रकार 

  1. उत्पाद पेटेंट (Product Patent) - यह पेटेंट मिलने पर कोई भी व्यक्ति या संस्था आपके जैसे प्रोडक्ट की हूबहू नक़ल करके नहीं बेच सकती। ज्यादातर प्रोडक्ट होते तो एक जैसे है पर उनकी पैकेजिंग और स्वाद या रंग में अंतर् होता है वह इसी के कारण होता है क्योंकि कंपनी ने अपने प्रोडक्ट पर Product Patent लिया होता है। 
  2. प्रक्रिया पेटेंट (Process Patent) - इसके माध्यम से आप अपने द्वारा बनाई गयी किसी भी तकनीक पर पेटेंट ले सकते है। Process Patent में किसी उत्पाद को बनाने की विधि को चोरी नही किया जा सकता है। 


पेटेंट कैसे प्राप्त करें?

भारत में Intellectual Property India पेटेंट से जुड़े कार्य संभालता है। इनके कार्यालय में जाकर उत्पाद या तकनीकी पर पेटेंट लेने के लिए अर्ज़ी दें और साथ ही अपनी नई खोज का तकनीक की सारी जरूरी जानकारी दें।आप चाहे तो इनकी ऑफिसियल वेबसाइट (www.ipindia.gov.in) में जाकर भी अर्ज़ी दे सकते है। उसके बाद पेटेंट कार्यालय उसकी जांच करेगा और अगर वह उत्पाद या तकनीक या विचार नया है तो पेटेंट का आदेश जारी कर दिया जाएगा। 

अगर आप पेटेंट करवाना चाहते है तो यह बात जाननी आपके लिए बहुत जरूरी है कि किसी उत्पाद या सेवा के लिए लिया गया पेटेंट सिर्फ उसी देश में लागू होगा जिस देश में पेटेंट करवाया है अन्य देश में उसका कोई कानून मायने नहीं रखता। 







कॉपीराइट क्या होता है?

कॉपीराइट एक व्यक्ति की सामग्री जैसे की लेख, धुन, पेंटिंग, डिज़ाइन आदि चीज़ो के लिए दिया गया हक़ है जिसको वह अपनी मर्ज़ी से बेच सकता है, बदलाओ कर सकता है, पब्लिश कर सकता है। कोई अन्य व्यक्ति बिना अनुमति अगर उसकी चीज़ का इस्तेमाल करता है तो वह कॉपीराइट कानून का उल्घंन होता है। 

copyright का कानून भारत में सन 1957 में लाया गया था। जिसको प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम 1957 के रूप में जाना जाता है। कॉपीराइट का प्रतीक © होता है। अगर आप किसी भी जगह ये चिन्ह देखते है तो समझ जाए की कॉपीराइट रजिस्टर है। 

कोई व्यक्ति अगर अपने द्वारा बनाई या लिखी गयी चीज़ को प्रकाशित करता है तो उसी वक्त उसपर उसका कॉपीराइट लग जाता है। या अधिकार उसकी मृत्यु के 60 वर्षो बाद तक रहता है जो उसके बाद उसके उत्तराधिकारी को प्राप्त होता है।