श्री राधा रानी को श्री कृष्ण की आत्मा माना गया है। ऐसा कहा जाता है की राधा नाम का जप उनकी पूजा आराधना आपको जल्दी श्री कृष्ण से मिला सकती है। श्री राधा रानी की आरती सच्चे मन से करने पर आपके ऊपर श्री किशोरी जी की कृपा दृष्टि होगी और श्री कृष्ण का भी आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। 


Shri Radha Rani Aarti


श्री राधा रानी आरती || Shri Radha Rani Aarti


|| आरती || 

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, 
विमल विवेकविराग विकासिनि ।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, 
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, 
मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, 
प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

संतत सेव्य सत मुनि जनकी, 
आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।
आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी, 
अति अमूल्य सम्पति समता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि, 
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।
जगजननि जग दुखनिवारिणि, 
आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

|| इति ||

यह भी पढ़ें -

श्री राधा रानी चालीसा || श्री कृष्ण आरती || श्री कृष्ण चालीसा || श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र